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ASHTAVAKRA GITA

The Path of Knowledge

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Ashtavakra Gita is one of the most important books on path of knowledge. Just as the Bhagawad Gita has the dialogue of Sri Krishna and Arjun, so in the same way, Ashtavakra Gita has Ashtavakra as the speaker and king Janaka as the listener.

 

In the Bhagawad Gita, the three ways of enlightenment (action, knowledge and devotion) are described whereas in Ashtavakra gita, only the path of  knowledge is discussed.

 

अष्टावक्र आठ अंगों से टेढ़े-मेढ़े पैदा होने वाले ऋषि थे। शरीर से जितने विचित्र थे, ज्ञान से उतने ही विलक्षण. महाराजा जनक और महर्षि अष्टावक्र के बीच हुए आत्म-बोध करने वाले आध्यात्मिक सवांदो का सार.

 

हिन्दू धर्म मे श्रीमद भगवत गीता को सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है. लेकिन कहा जाता है, कि महान विद्वान अष्टावक्र के द्वारा लिखी गयी गीता जिसे महागीता के नाम से भी संबोधित किया जाता है. उसकी श्रीमद भगवत गीता से कोई तुलना नही है। महागीता मे लिखे गए हर श्लोक मे बहुत ही महान बाते कम शब्दों मे बताई गयी है इसलिए एक बार अष्टवक्र गीता का अध्ययन जरूर करना चाहिए. भगवद्गीता, उपनिषद और ब्रह्मसूत्र के सामान अष्टावक्र गीता अमूल्य ग्रन्थ है. इस ग्रन्थ में ज्ञान, वैराग्य, मुक्ति और समाधिस्थ योगी की दशा का सविस्तार वर्णन है.

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